यमुनानगर: बढ़ती गर्मी में पानी की मांग बढ़ गई, लेकिन यमुना नदी में लगातार पानी की कमी हो रही है। शनिवार को 11 बजे हथनीकुंड पर 2202 क्यूसेक का जल बहाव रह गया। इसके बावजूद दिल्ली को पर्याप्त पानी दिया जा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मांग के हिसाब से एक हजार से 1100 क्यूसेक पानी की सप्लाई हो रही है। हालांकि, हथनीकुंड बैराज जल समझौते के हिसाब से 730 क्यूसेक पानी बनता है। दक्षिण हरियाणा में जाने वाली पश्चिमी यमुना नहर में 1500 क्यूसेक और यूपी की जाने वाली पूर्वी नहर में 200 क्यूसेक पानी जा रहा है। यमुना नदी में केवल 352 क्यूसेक बह रहा है।
सिंचाई विभाग के एसई रवि मित्तल का कहना है कि दिल्ली से जो पानी की मांग आती है। उसके अनुसार पानी की सप्लाई दी जा रही है। सप्लाई में कोई कटौती नहीं है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) व दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी भी हथनीकुंड बैराज का दौरा कर गए हैं। वह भी सप्लाई से संतुष्ट थे। बैराज पर पानी की सप्लाई में कोई बदलाव नहीं होता है। यहां से पानी डायवर्ट होता है न की स्टोर। हर घंटे की अपडेट राज्य सरकार के साथ दिल्ली भी जाती है। पेयजल की पूर्ति के बाद ही पानी सिंचाई के काम आता है।
वाह को निरंतर बनाए रखने के लिए 352 क्यूसेक पानी छोड़ना जरूरी
जल समझौते की सबसे पहले शर्त कॉमनपुल शेयररिंग ( कुल यमुना के बहाव से) से यमुना नदी के प्रवाह को निरंतर बनाए रखने के लिए 352 क्यूसेक पानी छोड़ना जरूरी है। फिर जो पानी बचता है, उसे मांग के मुताबिक दिल्ली में पेयजल के लिए भेजा जाता है। उसके बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश जल समझौते के अनुसार बांटा जाता है। दिल्ली को पीने योग्य पानी करनाल के मुनक हैड ( दिल्ली ब्रांच भी कहते हैं ) से जा रहा है।
NEWS SOURCE : jagran