Delhi AIIMS: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) उम्मीद खो चुके लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण की तरह काम करता है. वहीं डॉक्टरों की टीम और उन्हें मदद करने वाले एनजीओ कई बार बेहतरीन भूमिका अदा करके न केवल गरीब लोगों की मदद करते हैं, बल्कि नई जिंदगी देकर उनके परिवार में खुशियां भर देते हैं. ऐसा ही मामला सामने आया है हरियाणा के एक गरीब परिवार की महिला के साथ, जो शादी के 5 साल के दौरान 8 बार बच्चे को गर्भ में ही खो चुकी थी. 50 से ज्यादा डॉक्टरों ने महिला को गर्भधारण करने से साफ मना कर दिया था, लेकिन AIIMS के डॉक्टरों ने जपान से ब्लड मंगवाकर गर्भ में पल रहे बच्चे को नई जिंदगी दी l
हरियाणा की रहने वाली 24 साल की पूनम की 5 साल पहले शादी हुई थी. शादी के बाद आठ बार उनके बच्चे की मौत गर्भ में हो गई. दरअसल, पूनम का ब्लड ग्रुप ऐसा है, जो लाखों में एक है. जब बच्चा 7-8 महीने का होता तो उसके अंदर खून की कमी होने लगती और फिर बच्चे की गर्भ के अंदर ही मौत हो जाती. इस बार भी महिला के बच्चे की दिल की धड़कन समाप्त होने के कगार पर जा रही थी, लेकिन AIIMS के डॉक्टरों ने जापान से ब्लड मंगाकर दो दिन के अंदर उस बच्चे को जीवनदान दिया.
9वीं बार गर्भ धारण करने वाली पूनम का ब्लड ग्रुप नेगेटिव है और बच्चे का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव. बच्चे के अंदर लगाताक खून की कमी हो रही थी. एम्स के डॉक्टरों ने पता लगाया तो एम्स में वह ब्लड उपलब्ध नहीं था. यहां तक की पूरे भारत में जब सर्च किया गया तो सिर्फ एक ही शख्स के पास यह ब्लड उपलब्ध था, जिसने देने से मना कर दिया. इसके बाद NGO की मदद से इंटरनेशनल लेवल पर ब्लड का इंतजाम करने की कोशिश की गई. तब पता चला कि जापान में यह ब्लड उपलब्ध है, लेकिन कम समय के अंदर वहां से ब्लड मंगाना बहुत मुश्किल था. सभी ने मिलकर प्रयास किया और 48 घंटे के अंदर वहां से ब्लड को भारत मंगाया गया. जिसके बाद गर्भ के अंदर पल रहे बच्चे को ब्लड पहुंचाया गया. इसके बाद ऑपरेशन से उसकी डिलीवरी हुई. डॉक्टर ने इस एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए बताया कि अब बच्चा और उसकी मां दोनों स्वस्थ हैं. एम्स के डॉक्टर्स की टीम और गरीब लोगों की मदद करने वाली संस्था ने अनूठा कारनामा करते हुए बच्चे को नई जिंदगी दी है.
NEWS SOURCE : zeenews