जॉब इंटरव्यू का मतलब सिर्फ सामने वाला बोले और आप सुनते रहें, ये बिल्कुल भी नहीं होता। इंटरव्यू में आपको भी अपनी बात रखने की पूरी आजादी होती है। इंटरव्यू के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत का हल ज्यादातर पॉजिटिव ही होता है। वहीं सिर्फ सुनने की आदत के चलते कई बार सैलरी और दूसरी चीजों पर कॉम्प्रोमाइज करना पड़ सकता है। इंटरव्यू में बातचीत के दौरान कई बार असहमति जताना मुश्किल होता है, लेकिन यहीं आपकी परख भी होती है, तो थोड़ी स्ट्रैटजी के साथ बिना गुस्से के साथ जता सकते हैं अपनी असहमति।
अपनी रिसर्च करके जाएं
कंपनी के कल्चर को लेकर थोड़ी-बहुत रिसर्च करके जाएं। जैसे- कंपनी में अपने बात-विचार रखने की आजादी है या नहीं? प्रॉब्लम पर मैनेजमेंट या एचआर एक्शन लेता है या नहीं। अगर आपकी जान-पहचान का कोई उस कंपनी में पहले से मौजूद है, तो उससे बातचीत कर आप इन चीजों की जानकारी ले सकते हैं।
जल्दीबाजी में जवाब न दें
इंटरव्यू के दौरान अगर आपको कोई सवाल समझ नहीं आता, तो बिना समझे उत्तर देने की गलती न करें, बल्कि उसे दोबारा पूछें। इससे इमेज डाउन हो जाएगी ऐसा बिल्कुल न सोचें।
अपना नजरिया बताना भी है जरूरी
कई बार ऐसी सिचुएशन भी आती है जहां हो सके आप सामने वाले की बात से सहमत न हो, तो ऐसे में गुस्से से काम न लें, बल्कि धैर्य के साथ अपनी बात रखें। चीजों को पहले क्लियर कर लेना सही होता है बजाय बाद में उस पर नाराजगी जाहिर करने के।
बातचीत के दौरान संकेत समझें
इंटरव्यू के दौरान सामने वाले का मूड भांपने की कोशिश करें। अगर आपको बातचीत से लग रहा है कि आपकी बातें सामने वाले को भड़का सकती हैं और आपकी मेहनत पर पानी फेर सकती है, तो वहां चुप रहना ठीक रहेगा। कई बार चुप रहकर भी आप सिचुएशन को अपनी ओर कर सकते हैं।
NEWS SOURCE : jagran