हरियाणा पर्यटन विभाग ने 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह मेला अगले साल 7 फरवरी, शुक्रवार से शुरू होकर 23 फरवरी, रविवार तक चलेगा।
पर्यटकों को इस बार छह वीकेंड, यानी तीन शनिवार और तीन रविवार, मेले का आनंद उठाने का अवसर मिलेगा। इस बार मेले में बिम्सटेक का विशेष योगदान रहेगा। बिम्सटेक एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है, जिसमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं।
इस वर्ष मेले में 1100 से अधिक स्टॉल (हटस) लगाई जाएंगी। हालांकि, थीम राज्य का चयन अभी बाकी है। देश-विदेश से शिल्पी मेले में भाग लेंगे। बिम्सटेक के जुड़ने के साथ ही सूरजकुंड परिसर में तैयारियां तेज हो गई हैं। वीआईपी गेट के पास पहले से कुछ स्टॉल तैयार हैं, और थीम स्टेट जोन आमतौर पर यहीं बनाया जाता है।
30 से 40 शिल्पियों को मिलेगा मौका
हर बार की तरह इस बार भी विभिन्न शिल्पियों को स्टॉल आवंटित किए जाएंगे। नए साल में 30 से 40 शिल्पियों को यह अवसर दिया जाएगा। हरियाणा के 10 शिल्पियों को स्टॉल मिलेंगे, जबकि शेष स्टॉल राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल के शिल्पियों को आवंटित किए जाएंगे। हमारा लक्ष्य है कि ये शिल्पी अपने कौशल से प्रदेश का नाम रोशन करें।
दो बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम
फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद और पूर्वी से पश्चिमी फरीदाबाद की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए प्रशासन गंभीरता से काम कर रहा है। इन परियोजनाओं पर लगभग 2431 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
फरीदाबाद और गुरुग्राम से बड़ी संख्या में लोग नोएडा की ओर यात्रा करते हैं। वर्तमान में गुरुग्राम से नोएडा की दूरी तय करने में दो घंटे से अधिक का समय लगता है, जबकि फरीदाबाद से नोएडा की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। इस वजह से लोगों को रोजाना भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है।