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जून में समाप्त हो रही है समयसीमा, 400 परियोजनाएं लक्ष्य से पिछड़ीं, स्मार्ट सिटी मिशन पर फैसला करेंगे मनोहर लाल

बेहिसाब शहरीकरण को लेकर गंभीर हो रही चुनौतियों से जूझ रहे शहरों में सुधार की जिम्मेदारी संभालने वाले मनोहर लाल की शुरुआती चुनौतियों में स्मार्ट सिटी मिशन पर निर्णय सबसे प्रमुख है। नए आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल को सबसे पहले यह निर्णय लेना होगा कि 2015 से संचालित स्मार्ट सिटी मिशन की समयसीमा को आगे बढ़ाया जाए या नहीं। यह समयसीमा इस माह के अंत में समाप्त हो रही है।

सौ शहरों को आदर्श रूप से विकसित करने का यह मिशन मिश्रित नतीजे देने वाला साबित हुआ है। केंद्र सरकार ने लगभग 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन अनुभव करने वाले सुधार वाले शहरों की संख्या सीमित है। लेकिन उतना ही सच यह भी है कि योजना में शामिल शहर कैपेसिटी बिल्डिंग यानी अपनी क्षमता बनाने-बढ़ाने में कामयाब हुए हैं।

सभी सौ शहर इस समय आइसीसीसी (इंटीग्रेडेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) से लैस हैं और यह उनके प्रशासनिक ढांचे में बड़ा योगदान दे रहे हैं। इस मिशन के तहत कुल 8,017 परियोजनाएं संचालित की गई हैं, लेकिन लगभग 35 शहर समयसीमा से बार-बार चूकते रहे हैं। परियोजनाओं की बात करें तो 400 परियोजनाएं, जिनकी कुल लागत 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक है, अपने लक्ष्य से पिछड़ गई हैं।

पिछले वर्ष जब मिशन की समयसीमा 30 जून निर्धारित की गई थी, तब कहा गया था कि अब इसमें बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। साथ ही कहा गया था कि केवल उन्हीं शहरों में इस योजना का संचालन किया जाएगा जहां प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं, यानी 31 दिसंबर के बाद किसी को नया काम शुरू करने की इजाजत नहीं दी गई है।

शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इसके आसार कम हैं कि इस मिशन को कोई और विस्तार दिया जाएगा क्योंकि एक संसदीय समिति के समक्ष अधिकारी कह चुके हैं कि इसे अब और विस्तार नहीं दिया जाएगा। एक राय यह भी है कि नए मंत्री नए दृष्टिकोण से काम कर सकते हैं। इसलिए और भी, क्योंकि मनोहर लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में गुरुग्राम जैसे शहरों की वास्तविक स्थिति से वाकिफ हैं, जो स्मार्ट सिटी मिशन में भी शामिल है।

पूर्व शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने इस वर्ष की शुरुआत में संकेत दिए थे कि सरकार शहरों में बुनियादी परिवर्तन के लिए नई योजना ला सकती है। इसके लिए अमृत 2.0 योजना का भी सहारा लिया जा सकता है, जो 500 शहरों में पेयजल, सफाई, सार्वजनिक परिवहन जैसी सुविधाओं के लिए संचालित की जा रही है। अमृत 2.0 मिशन पर अभी ढंग से काम शुरू नहीं हो सका है।

NEWS SOURCE : jagran

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