wakeupfaridabad

wakeupfaridabad logo

Follow Us

नए अध्यक्ष की ताजपोशी से पहले पार्टी होगी नए सिरे से संगठित, चुनावों में प्रदर्शन की समीक्षा करने में जुटी भाजपा

एन.डी.ए. सरकार के मंत्रियों के कार्यभार संभालने के साथ ही भाजपा ने देशभर में अपने संगठन को नए सिरे से संगठित करने और साथ ही लोकसभा में अपने प्रदर्शन की समीक्षा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस अभ्यास की शुरुआत नए सदस्यता अभियान से होने की उम्मीद है और यह नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के साथ समाप्त होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह भी कहा जा रहा है कि फिलहाल नए अध्यक्ष का चुनाव जल्दी नहीं होने वाला है। इसलिए चुनाव तक वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जारी रह सकता है या फिर नए कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति भी की जा सकती है।

पहले कार्यकारी अध्यक्ष चुने जाने की संभावना
हालांकि नड्डा का विस्तारित कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है, लेकिन भाजपा के संविधान में हाल ही में हुए संशोधन ने संसदीय बोर्ड को आपातकालीन स्थितियों में अध्यक्ष से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार दिया है, जिसमें उनका कार्यकाल भी शामिल है। सूत्रों ने कहा कि बोर्ड नड्डा के कार्यकाल को तब तक बढ़ाया जा सकता है जब तक कि उनके प्रतिस्थापन के लिए चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। पार्टी के एक नेता ने कहा कि लेकिन यह एक ऐसा निर्णय है जो शीर्ष नेतृत्व को लेना चाहिए।

2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के अध्यक्ष रहे अमित शाह के सरकार में चले जाने पर नड्डा ने कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भाजपा की कमान संभाली और जनवरी 2020 में उन्हें पूर्ण अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। इसलिए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पहले कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति होगी और बाद भाजपा अपना पूर्णकालिक अध्यक्ष चुनेगी। इसकी एक और वजह यह भी है कि देश भर के राज्यों में भाजपा संगठनात्मक तौर पर बदलाव भी करना चाहती है।

कई नामों पर चल रही है चर्चा
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी के कई वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को मौजूदा सरकार में शामिल किए जाने के साथ पार्टी अध्यक्ष के उम्मीदवारों का दायरा कम हो गया है। जिन नामों पर चर्चा हो रही है उनमें महाराष्ट्र के नेता विनोद तावड़े, देवेंद्र फड़नवीस, वरिष्ठ भाजपा नेता ओम माथुर, के. लक्ष्मण, सुनील बंसल, स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर शामिल हैं। पार्टी नए अध्यक्ष के चयन से पहले नए सदस्यता अभियान की शुरुआत करेगी और उसके बाद राज्यों में संगठन के चुनाव कराएगी। राजनीतिक दलों के अध्यक्ष के चुनाव के लिए तय नियमों के अनुसार अध्यक्ष के चयन से पहले कम से कम 50 फीसदी राज्यों में पार्टी संगठन का चुनाव पूरा होना जरूरी है। ऐसे में या तो नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा या किसी नेता को फिलहाल कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर काम चलाया जाएगा।

2027 में यूपी में दोबारा सत्ता हासिल करना बड़ी चुनौती
आम चुनाव में यूपी, राजस्थान, बिहार, हरियाणा, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में औसत प्रदर्शन के कारण भाजपा बहुमत से चूक गई है। पार्टी के नए अध्यक्ष को ऐसे राज्यों में संगठन को चुस्त-दुरुस्त करना होगा। इसके अलावा इसी साल झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगले साल की शुरुआत में ही दिल्ली में भी चुनाव होने हैं। वहीं, 2027 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं।

संघ की क्या रहेगी भूमिका
दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर राजीव रंजन गिरि के के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा भले ही राजनीतिक पार्टी हो, मगर संगठन में हमेशा संघ की ही चलती है। क्योंकि इसे चलाने वाले लोग ज्यादातर संघ से ही जुड़े होते हैं। मोहन भागवत ने हाल ही में बयान दिया था कि एक सच्चा सेवक मर्यादा का पालन करता है। जिसमें मैंने किया का भाव नहीं होता, अहंकार नहीं होता, केवल वही व्यक्ति सही अर्थों में सेवक कहलाने का अधिकारी होता है। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व को लेकर भागवत यह बयान बेहद मायने रखता है। ऐसे में आगामी वक्त में पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में संघ की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। भाजपा को आरएसएस का राजनीतिक संगठन माना जाता है, ऐसे में संघ अब नहीं चाहेगा कि आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन खराब हो।

पहले राज्यों में होंगे संगठन चुनाव
भाजपा अपने नए अध्यक्ष के चुनाव से पहले नए सदस्यता अभियान की शुरुआत करेगी और उसके बाद राज्यों में संगठन के चुनाव कराएगी। दरअसल, तय नियमों के मुताबिक अध्यक्ष चुनने से पहले कम से कम 50 फीसदी राज्यों में पार्टी के संगठन का चुनाव होना जरूरी है। ऐसी स्थिति में नड्डा का कार्यकाल या तो बढ़ेगा या फिर किसी नेता को फिलहाल कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। भाजपा ने हाल ही में अपने संविधान में संशोधन कर पार्टी के शीर्ष निकाय संसदीय बोर्ड को आपातकालीन स्थिति में अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाने सहित अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार दिया है।

भाजपा में  ऐसे चुना जाता है अध्यक्ष
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के एक निर्वाचक मंडल की ओर से किया जाता है। निर्वाचक मंडल में राष्ट्रीय और राज्य परिषदों के सदस्य होते हैं। किसी राज्य के निर्वाचक मंडल के कोई भी 20 सदस्य किसी ऐसे व्यक्ति के लिए प्रस्ताव कर सकते हैं, जो कम से कम 4 कार्यकाल तक सक्रिय सदस्य रह चुके हों। साथ ही इनकी सदस्यता भी कम से कम 15 साल हो चुकी हो। कोई भी संयुक्त प्रस्ताव कम से कम 5 राज्यों से आना चाहिए, जहां राष्ट्रीय परिषद के लिए चुनाव पूरे हो चुके हों।

NEWS SOURCE : punjabkesari

The Wake Up Faridabad News Service brings you the latest news, analysis and insights from Faridabad. Follow the Wake Up Faridabad News Service for a wide-ranging coverage of events as they unfold, with perspective and clarity.

अन्य खबरे
Advertisements
Live Tv
क्रिकेट लाइव
आज का मोसम
गोल्ड & सिल्वर रेट्स
राशिफल